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यूसुफ के भाईयों का मिस्र आना

याकूब अपने 10 पुत्रों को अनाज मोल लेने के लिए मिस्र भेजता है।
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जब याकूब ने सुना कि मिस्र में अनाज उपलब्ध है, तो उसने अपने पुत्रों से कहा, 'जाओ और हम लोगों को जीवित रखने के लिए पर्याप्त अनाज खरीदो। नहीं तो हम मर जाएंगे।’ परन्तु याकूब ने यूसुफ के छोटे भाई बिन्यामीन को उनके साथ जाने न दिया, इस डर से कि कहीं उस पर कोई विपत्ति न आ जाए। – Slide número 1
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क्योंकि यूसुफ मिस्र का हाकिम था और अन्न बेचने का अधिकारी था, सो भाइयों ने उस को समाचार दिया। जब वे पहुँचे, तो उन्होंने अपना मुँह भूमि पर किए हुए उसके सामने दण्डवत् किया। यूसुफ ने अपने भाइयों को तुरंत पहचान लिया, लेकिन उसने उन्हें न जानने का नाटक किया। 'तुम कहाँ से हो?' उसने मांग की। उन्होंने उत्तर दिया, 'कनान देश से।' – Slide número 2
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यूसुफ ने उन पर जासूस होने का आरोप लगाया।'नहीं, महाराज!' उन्होंने विरोध किया। 'तेरे सेवक तो केवल भोजन मोल लेने आए हैं। हम सब एक ही परिवार के भाई हैं। हमारा सबसे छोटा भाई कनान में वापस आ गया है।’ ‘तुम जासूस हो!’ यूसुफ ने जोर देकर कहा। – Slide número 3
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वह कहने लगा, ‘फिरौन के जीवन की शपथ जब तक तुम्हारा सबसे छोटा भाई कनान से यहाँ पर नहीं आता तब तक तुम मिस्र से बाहर नहीं जाओगे! इसलिए तुमसे कोई एक जाकर अपने भाई को ले आए। बाकि सब बंदीगृह में रहेंगे। इसके बाद मैं देखूंगा कि तुम्हारी कहानी सच्ची है या नहीं। – Slide número 4
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इसलिए युसुफ ने उन्हें तीन दिन तक बंदीगृह में रखा। – Slide número 5
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तीसरे दिन युसुफ ने उनसे कहा। मै परमेश्वर का भय मानने वाला मनुष्य हूँ। इसलिए जैसा मैं कहता हूँ वैसा करोगे तो जीवित रहोगे। तुम में से एक को बंदीगृह में रहना होगा। बाकि सब अनाज के साथ अपने घर पर जा सकते हैं। लेकिन तुम्हे अवश्य ही अपने सबसे छोटे भाई को अपनी सच्चाई प्रमाणित करने के लिए यहाँ पर लाना होगा। इस बात से वे सभी सहमत हो गये। – Slide número 6
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भाइयों ने आपस में बात की। 'हमने बहुत पहले यूसुफ के साथ जो किया उसके कारण हमें दण्ड दिया जा रहा है। जब उसने अपनी जान की गुहार लगाई तो हमने उसकी पीड़ा देखी, लेकिन हमने नहीं सुनी। इसलिए हम इस मुसीबत में हैं।''क्या मैंने तुमसे नहीं कहा था कि लड़के के खिलाफ पाप मत करो?' रूबेन ने पूछा। 'लेकिन तुमने नहीं सुना। अब हमें उसके खून का हिसाब देना होगा!’ – Slide número 7
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वे नहीं जानते थे कि यूसुफ उन सब बातों को समझ सकता है जो वे दुभाषिए के द्वारा कह रहे थे। यूसुफ उनके पास से हट गया और रोने लगा। – Slide número 8
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जब यूसुफ ने अपने आप को संभाला, तो उसने शिमोन को चुना और उसे ठीक उनकी आँखों के सामने बाँध कर बन्दीगृह में ले गया। – Slide número 9
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तब यूसुफ ने अपने सेवकों को आज्ञा दी कि उन लोगों के बोरों को अन्न से भर दो। उसने उन्हें रास्ते के लिए भोजन सामग्री भी दी। – Slide número 10
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यूसुफ ने यह भी गुप्त निर्देश दिया कि वे एक-एक भाई को उसकी बोरी के ऊपर की हुई कीमत लौटा दें। भाई कनान वापस चले गए। – Slide número 11
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जब वे रात के लिए रुके तो उन्होंने पाया कि बोरियों के ऊपर रुपये रखे हुए थे। फिर उनका दिल डूब गया। वे कांपते हुए आपस में कहने लगे, 'परमेश्वर ने हमारे साथ यह क्या किया है? – Slide número 12
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घर आकर उन्होंने याकूब को जो कुछ हुआ था सब बताया। याकूब लौटाए हुए पैसे देखकर घबरा गया और कहने लगा 'तुम मुझसे मेरे बच्चों को लूट रहे हो!'। 'यूसुफ चला गया है! शिमोन चला गया है! और अब तुम बिन्यामीन को भी लेना चाहते हो। सब कुछ मेरे खिलाफ जा रहा है! बिन्यामीन तुम्हारे साथ मिस्र नहीं जाएगा। उसका भाई यूसुफ मर गया है, और मेरे पास वही बचा है। – Slide número 13
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