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कनान में 12 जासूसों का भेजा जाना

केवल यहोशू और कालेब ही अच्छी रिपोर्ट देते हैं।
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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मिस्र छोड़ने के बाद, मुक्त इब्रानी दास वीराने में उस देश की ओर चले गए जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने उनसे की थी। जब वे कनान के पास पहुंचे, तब वे सीन नाम जंगल में कादेशबर्ने नामक स्थान में रुक गए। – Slide número 1
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परमेश्वर ने मूसा को 12 गोत्रों में से एक-एक पुरूष को कनान देश मे जासूसी करने के लिए चुनने को कहा। – Slide número 2
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मूसा ने प्रत्येक गोत्र से एक नेता चुना। (उनके नाम थे शामुआ, शापात, कालेब, यिगाल, यहोशू, पलती, गद्दीएल, गद्दी, अम्मीएल, शेतुर, नहबी, और गूएल)। – Slide número 3
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मूसा ने उन्हें यह पता लगाने के लिए कहा कि कनान के लोग मजबूत हैं या कमजोर। उनके नगर कितने बड़े थे और क्या वे किलेबंद थे? क्या मिट्टी उपजाऊ या बंजर थी? उसने उन्हें भूमि से कुछ फल वापस लाने के लिए भी कहा। – Slide número 4
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बारह जासूस कादेशबर्ने से निकलकर नेगेव की मरुभूमि में, जहां अमालेकी रहते थे, इसके बाद वे पहाड़ी देश में गए। – Slide número 5
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उन्होंने अनाक वंशियों को देखा वे बडे़ लंबे और शक्तिशाली थे। – Slide número 6
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वे पहाड़ी देश के उत्तर में चले गए जहाँ हित्ती, यबूसी और एमोरी रहते थे और फिर यरदन नदी और गलील झील के चारों ओर गए जहाँ उन्होंने कनानियों को देखा। – Slide número 7
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नगर और कस्बे बहुत ही बडे़ और मजबूत थे। – Slide número 8
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वे दूर उत्तर में रेहोब तक गए और उसके बाद मुड़कर वापस चल दिए। – Slide número 9
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वे एश्कोल की घाटी में पहुंचे उन्होनें एक अंगूरों के गुच्छे वाली एक शाखा को काट लिया। – Slide número 10
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दो लोगों ने उसे एक खम्भे पर लटकाया और अपने कंधो पर लाद लिया। उन्होंने कुछ अनार और अंजीर भी लिए। – Slide número 11
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और 40 दिन के बाद वे अपने छावनी में वापस लौट आए और आकर सूचना दी, ‘उस देश मे दूध और मधु की नदियां बहती हैं! ये वहाँ के फल हैं। परन्तु वहाँ के निवासी सामर्थी हैं, और उसके नगर बड़े और गढ़वाले हैं। जासूसों में से एक कालेब ने सब को चुप कराके कहा, हम लोग चढ़कर देश ले लें, क्योंकि हम निश्चय यह कर सकते हैं। – Slide número 12
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दस जासूसों ने असहमति प्रकट करके कहा, ‘हम उन लोगों पर हमला नहीं कर सकते, वे हमसे ज्यादा ताकतवर हैं।  हमने जितने भी लोगों को देखा वे बहुत ही बड़े थे हम उनकी तुलना में टिड्डों के जैसे हैं। – Slide número 13
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उस रात इस्राएली कुड़कुड़ाए और रोए। उन्होंने मूसा और हारून से शिकायत की, 'यहोवा हमें इस देश में युद्ध में मरने के लिये क्यों ला रहा है? हमारी पत्नियाँ और बच्चे लूट लिए जाएँगे।’ वे दूसरे नेता को चुनने और मिस्र वापस जाने की योजना बनाने लगे।’ – Slide número 14
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मूसा और हारून सबके सामने औंधे मुँह गिरे। दो जासूसों, यहोशू और कालेब ने खड़े होकर कहा, 'जिस देश का हमने पता लगाया वह बहुत अच्छा है। यहोवा हमें उस देश में ले जाएगा जिस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और वह देश हमें देगा। परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह न करें और न डरें। यहोवा हमारे साथ है, उनके नहीं।' – Slide número 15
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जब सुनने वाले यहोशू और कालेब को पत्थरवाह करने के विषय में बुड़बुड़ा रहे थे, उसी समय यहोवा का तेज मिलापवाले तम्बू के पास दिखाई दिया। – Slide número 16
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परमेश्वर ने मूसा से कहा, ‘मैने इनके बीच में कितने सारे चमत्कारो को किया है इसके बावजूद,ये लो कब तक मुझ पर विश्वास करने स इंकार करते रहेंगे? मैं इनक महामारी से मार ड़ालूंगा लेकि तुझे एक मजबूत देश बनाऊंगा परमेश्वर ने मूसा से कहा वह उन्ह  40 सा बीहड़ों में रखकर दंड देगा, जासू के कनान में एक दिन क बदले एक साल।<br/>यहोवा ने मूसा से कहा, 'ये लोग कब तक मुझ पर विश्वास करने से इन्कार करेंगे, चाहे मैंने उनके बीच कितने चमत्कार किए हों? मैं उन्हें महामारी से मारूंगा और उन्हें नष्ट कर दूंगा, लेकिन मैं तुम्हें एक मजबूत राष्ट्र बनाऊंगा।' परमेश्वर ने मूसा से कहा कि उनके बलवे के कारण वह उन्हें जंगल में 40 साल रखकर दंड देगा, जासूसों के कनान में एक दिन के बदले एक साल। – Slide número 17
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और दस जासूस जो बुरी ख़बर लेकर आए थे, वे सभी एक महामारी से मारे गए। केवल यहोशू और कालेब ही जीवित बचे क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के उन्हें प्रतिज्ञा देश देने की बात पर भरोसा रखा था। – Slide número 18
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तब विद्रोही लोगों ने अपना विचार बदल दिया और अमालेकियों पर उनके शिविर के ठीक उत्तर में आक्रमण करने का निर्णय लिया। मूसा ने कहा, 'तुम यहोवा की आज्ञा का उल्लंघन क्यों कर रहे हो? यह सफल नहीं होगा!’ लेकिन वे आगे बढ़ गए। – Slide número 19
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अमालेकियों ने कनानियों के सहायता से जो पहाड़ी देश में रहते थे, नीचे आकर आक्रमण किया और उन्हें तेजी से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। – Slide número 20
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और अगले 40 सालों तक इस्राएली बीहड़ों में भटकते रहे जिन्होंने परमेश्वर के विरूद्ध विद्रोह करने वाले सभी लोग मर गए।  एक नई पीढ़ी परमेश्वर पर भरोसा करने और उस भूमि को लेने के लिए तैयार हुई जिसे परमेश्वर ने उनसे वादा किया था - यहोशू के नेतृत्व में, कालेब द्वारा समर्थित। – Slide número 21
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