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बारह वर्ष का यीशु यरूशलेम में

बारह वर्ष का यीशु मंदिर में
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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यीशु अपने माता-पिता युसुफ और मरियम के साथ नासरत में बड़ा हो रहा था। – Slide número 1
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जब यीशु बारह वर्ष का हुआ तो मरियम और युसुफ उसे फसह का पर्व मनाने के लिए यरूशलेम ले गए। यह सभी लोगों के लिए साल का सबसे बड़ा पर्व था और हज़ारों लोग पर्व मनाने के लिए यरूशलेम आए हुए थे। – Slide número 2
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पर्व के समाप्त होने पर मरियम और युसूफ औरों के साथ गलील में अपने घर जाने लगा। उन्होंने सोचा कि यीशु भीड़ में उनके रिश्तेदारों के साथ था। – Slide número 3
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उस रात मरियम और युसुफ ने जब डे़रा ड़ाला तो यीशु उन्हें नही मिला। – Slide número 4
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काफी ढूंढ़ने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि यीशु उनके मित्रों या रिश्तेदारों के साथ नहीं था। वे तुरंत यरूशलेम जाने के लिए निकल पड़े। वे तीन दिन तक उसे नगर में ढूँढ़ते रहे। – Slide número 5
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तीन दिन ढूंढ़ने के बाद वे अचानक मंदिर में गए और वहॉं उन्होंने उसे शास्त्रियों के साथ बैठे हुए पाया। – Slide número 6
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जो लोग यीशु को सुन रहे थे वे उसके प्रश्नों से चकित हो रहे थे और जो उत्तर वह दे रहा था उससे भी अचंभा करते थे। – Slide número 7
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मरियम ने उससे पूछा, ‘पुत्र तूने हमारे साथ ऐसा क्यों किया?’ युसुफ और मैं तुझे कितने परेशान होकर ढूँढ रहे है। – Slide número 8
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यीशु ने उनसे कहा, ‘तुम मुझे क्यों ढॅूंढ रहे थे? क्या तुम नहीं जानते कि मेरा मेरे पिता के घर होना अवश्य है । मरियम और युसुफ न समझे कि वह उनसे क्या कह रहा था। – Slide número 9
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यीशु अपने माता-पिता के साथ नासरत लौट गया और वह उनका आज्ञाकारी था। मरियम ने सारी बातें अपने दिल में छुपाएं रखी। – Slide número 10
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यीशु बुद्धि, ड़ील-ड़ौल और परमेश्वर के अनुग्रह में बढ़ता चला गया। – Slide número 11
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