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याकूब और एसाव का पुनर्मिलाप

याकूब एक अजनबी के साथ मल्लयुद्ध करता है और फिर एसाव से मिलता है।
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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लाबान के जाने के बाद, याकूब गिलाद के पहाड़ी देश में महनैम नामक स्थान पर था, क्योंकि परमेश्वर के दूत उससे मिले थे। उसका जुड़वाँ भाई एसाव सेईर के पहाड़ों में एदोम देश में रहता था। – Slide número 1
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याकूब ने एसाव के पास दूतों से कहला भेजा, कि तेरा दास याकूब लाबान के पास रह रहा है उसके पास बैल, गधे, भेड़ बकर और सेवक भी हैं, वह तेर दृष्टि में अनुग्रह चाहता है। – Slide número 2
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दूतों ने याकूब को बताया  कि एसाव चार सौ लोगों के साथ उससे मिलने आ रहा है। य सुनकर याकूब अत्यंत घबरा गया। – Slide número 3
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उसने सभी को दो दलों मे विभाजित कर दिया कि यदि एसाव एक दल पर हमला करे तो दूसरा भाग के बच जाए। – Slide número 4
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याकूब ने प्रार्थना की, 'हे यहोवा, तूने मुझसे कहा था कि मैं अपने देश और अपने सम्बन्धियों को लौट जाऊँ, और तू मुझे समृद्ध करेगा। मैं आपकी दया और विश्वासयोग्यता के योग्य नहीं हूँ। मुझे एसाव से बचा, क्योंकि मैं डरता हूँ कि वह आकर हम पर आक्रमण करेगा। तूने मेरे वंश को समुद्र की बालू के किनकों के समान बनाने का वचन दिया है, जो गिने नहीं जाते। – Slide número 5
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याकूब ने एसाव के लिए दो सौ बकरियां, और बीस बकरे, और दो सौ भेड़ें, और बीस मेढ़े, और बच्चों समेत तीस ऊँट, और चालीस गायें, और दस बैल, और बीस गदहियां, और दस गदहे, एक भेंट चुनी। उसने प्रत्येक झुण्ड को एक नौकर के हवाले कर दिया और बीच-बीच में उन्हें रवाना किया। – Slide número 6
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जब सेवक एसाव से मिले तो उन्होंने बताया कि वे कौन थे और उन्हें किसने भेजा था। 'ये मेरे प्रभु एसाव को याकूब की ओर से भेजा गया उपहार है, जो हमारे पीछे-पीछे आ रहा है।' – Slide número 7
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उस रात याकूब ने अपने परिवार और संपत्ति को यब्बोक नदी के घाट के ऊपर भेज दिया। वह अकेला रह गया। – Slide número 8
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एक मनुष्य आया और पौ फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा। जब उस मनुष्य ने देखा, कि वह याकूब पर प्रबल न हो सका, तब उस ने याकूब की जांघ की नस को छूआ, उसका कूल्हा सर गया। तब उस मनुष्य ने कहा, मुझे जाने दे, क्योंकि भोर का समय है। याकूब ने उत्तर दिया, कि जब तक तू मुझे आशीर्वाद न दे, तब तक मैं तुझे जाने न दूंगा। अजनबी ने उत्तर दिया, तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर और मनुष्यों से संघर्ष किया है और विजयी हुए हैं।' – Slide número 9
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याकूब ने कहा, 'कृपया मुझे अपना नाम बताओ।' उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, 'तुम मेरा नाम क्यों पूछते हो?' तब उसने याकूब को आशीर्वाद दिया। याकूब ने उस स्थान का नाम पनीएल रखा क्योंकि वह कह रहा था कि मैंने परमेश्वर को अपने सामने देखा और जीवित बच गया। याकूब अपने कूल्हे के कारण लड़खड़ा रहा था। उसने एसाव को अपने 400 लोगों को साथ उसकी ओर आते देखा। – Slide número 10
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याकूब ने महिला सेवकों और उनके बच्चों को सबसे आगे रखा और लिआ को उनके पीछे, और राहेल और यूसुफ को सबसे पीछ रखा। – Slide número 11
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तब वह आगे बढ़ा, और सात बार भूमि पर गिरके दण्डवत् करके अपके भाई के पास पहुंचा। – Slide número 12
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एसाव ने दौड़कर याकूब को गले से लगा लिया। – Slide número 13
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एसाव ने पूछा इन पशुओं के  झुंड से तेरा क्या तात्पर्य है, याकूब ने कहा, ‘ये मेरे प्रभु क दृष्टि में अनुग्रह पाने के लिए है। एसाव उपहार नहीं लेना चाहता था लेकिन याकूब ने उससे विनती की एसाव यह सोचकर चला गय कि याकूब उसके पीछे एदोम मे आएगा और आकर उससे मिलेगा। – Slide número 14
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लेकिन याकूब सुक्कोथ को गया और उसने वहाँ अपने रहने और पशुओं के लिए स्थान बनाया वहाँ से वह शेकेम में गया वहा उसने परमेश्वर के लिए एक वेद खड़ी की। – Slide número 15
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इसके बाद परमेश्वर ने याकूब को बेतेल जाने को कहा जिसके बारे में परमेश्वर ने उससे प्रतिज्ञा की थी। याकूब वहाँ पर गया और परमेश्वर के लिए एक वेद बनाई इसके बाद उसने अपने परिवार से कहा कि वे सारे  देवता और अपने कानों क बालियां उसे सौंप दे। याकूब न उन्हें शेकेम के बांजवृक्ष के तल गाड़ दिया। परमेश्वर ने याकूब को बताया कि उसका नया नाम इस्राएल हैं और परमेश्वर इस भूमि को उसे और उसके वंशजों को देगा जो एक देश बन जाएंगे। – Slide número 16
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इसके बाद याकूब ने दक्षिण में यात्रा की। और जैसे ही वे एप्राथ (बैतलहम) तो राहेल को बच्चा होने की पीड़ा होने लगी, राहेल बच्चे को जन्म देते हुए मर गई। लेकिन बाल जीवित रहा उसका नाम बिन्यामीन रखा गया। – Slide número 17
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राहेल को एप्राथ में दफनाया गया और याकूब ने उसकी क्रब्र पर एक खंभा खड़ा कर दिया। अब याकूब के 12 पुत्र थे। – Slide número 18
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इसके बाद याकूब मेम्रे में गया वहाँ पर उसका पिता इसहाक रहता था। जब इसहाक मर गया तो एसाव और याकूब ने मिलके उसे दफनाया और शोक मनान लगे। – Slide número 19
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